अज्ञात छायाकार
उसे ज्ञात है
रंगों का बेहतर संयोजन/
हर रंग का अपना रंगमंच..
किसकी आँखों में
कितना रंग/
श्यामल हिस्सा कितना श्याम/
श्वेत हिस्सा कितना श्वेत/
उसे ज्ञात है..
उसे ज्ञात है/
कितना प्रकाश
कितने घनत्व में और
किस पहर डालना है/
ताकि आ सके सर्वश्रेष्ठ तस्वीर/
छाया का जादूगर है वो !
आप चाहें या न चाहें
वो बिठाता है
समीकरण
धूप छाँव के/
लेकर आता है
अपनी मनमर्जी के पात्र
अपनी सुविधा से/
कराता है किसी तरह
'एडजस्ट'
वक्त के फ्रेम में/
आप हो जाते हो पाबंद
अनायास ही
उसके निर्देशों के/
समस्त भावभंगिमाये
स्वतः करती है पालना/
उसके एक 'क्लिक' की !
वो रचता है
सम्मोहक नेपथ्य/
सबकी नजरें बचाकर !
कोई नहीं बच सकता
उसके लेंस की जद से..
वो अज्ञात है/
मगर ज्ञात है उसे
समस्त तस्वीरें /
एक ज़खीरा है
उसके पास
समस्त घटनाक्रम का/
भले ही रहो आप अंजान
ताउम्र उसकी उपस्थिति से/
अगर जान लेते तो
कर लेते शायद
थोड़ा अभिनय प्रेम का/
जैसे करते आये हो अब तक
किसी सिद्धहस्त
फोटोग्राफर के सामने/
होठों के किनारे विस्तृत किये हुए !
अल्पना नागर
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