कई तरह की होती हैं घास..
एक होती है
सामान्य बेतरतीब घास,
जो उग आती है कहीं भी
झुग्गियों ओर नालों के आस पास
निहायती गैर ज़रूरी घास फूस !
एक होती है
विशेष किस्म की
मौकापरस्त चलायमान घास..
जो सिर्फ़ दिखाई देती है
विशेष मौसम में
कुर्सी के आसपास,
कुर्सी के पाये चरमराते ही
ये विशेष किस्म की घास
दूसरी कुर्सी की तलाश में जुट जाती है
हर समय पूरी तरह बिछ जाने के लिये!
एक और घास होती है
सीढ़ीनुमा
पढ़ी लिखी आम बेरोजगार घास
जो लगभग हर जगह
मौजूद होती है..
जिस पर वायदों का रथ चलाकर
सिंहासन तक पहुँचा जाता है
एक घास होती है
फाइव स्टार होटेल के लॉन की घास
जहाँ तक पहुँचने के लिये
साम दाम दंड भेद
धक्कमपेल
आरोप प्रत्यारोप जैसे साधनों की
आवश्यकता होती है..
वैसे मेरा मकसद
घास पर पीएचडी करने का
कतई नहीं है..!
अल्पना नागर ✏
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