Thursday 18 June 2020

सूखे गुलाब

सूखे गुलाब

रहने दो जरा
सूखे गुलाब 
वक्त की किताबों में !
झाँकने भी दो
मुट्ठी भर धूप
अतीत के झरोखों से..
किसे खबर !
जीवन की साँझ में
पतझड़ी सायों के बीच
यूँ ही कभी
टहलते घूमते
मिल जाये 
एक टुकड़ा
धूप...
और
फूट पड़े
तुम में
गुलाब की
चंद
कलियां..!

अल्पना नागर
#memories


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